The Basic Principles Of Hindi poetry

किन्तु न भूला मरकर के भी पीनेवाला मधुशाला।।८६।

प्यास बुझाने को बुलवाकर प्यास बढ़ाती मधुशाला।।६९।

छैल छबीला, रसिया साकी, अलबेला पीनेवाला,

प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला,

साकी की अंदाज़ भरी झिड़की में more info क्या अपमान धरा,

काम ढालना, और ढालना सबको मदिरा का प्याला,

कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला,

एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,

सभी जगह मिल जाता साकी, सभी जगह मिलता प्याला,

पी लेने पर तो उसके मुह पर पड़ जाएगा ताला,

अरूण-कमल-कोमल कलियों की प्याली, फूलों का प्याला,

जीवन के संताप शोक सब इसको पीकर मिट जाते

घन श्यामल अंगूर लता से खिंच खिंच यह आती हाला,

देव अदेव जिसे ले आए, संत महंत मिटा देंगे!

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